Arvind Kejriwal challenged Amit Shah : दिल्ली स्लम विध्वंस मामले में मुकदमे वापस लें और लोगों को पुनर्वासित करें
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह को एक सशक्त चुनौती दी है। उन्होंने दिल्ली के स्लम क्षेत्रों में चल रहे विध्वंस कार्यों को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर अमित शाह उन सभी मामलों को वापस ले लें, जिनमें दिल्ली के स्लम बस्तियों के निवासी प्रभावित हुए हैं, और उन लोगों को पुनर्वासित करने का ठोस कदम उठाए, तो वह आगामी चुनाव में नहीं उतरेंगे।
केजरीवाल ने यह बयान दिया कि भाजपा दिल्ली के स्लम क्षेत्रों को नष्ट करने की साजिश रच रही है, जबकि उनकी सरकार ने हमेशा गरीबों और अवैध कॉलोनियों के लोगों के हक की रक्षा की है। उन्होंने कहा, “अगर अमित शाह उन मामलों को वापस ले लेते हैं और स्लम क्षेत्र के लोगों के पुनर्वास का ठोस समाधान देते हैं, तो मैं चुनाव में हिस्सा नहीं लूंगा।”
दिल्ली के स्लम विध्वंस पर विवाद
दिल्ली में कई इलाकों में हाल के दिनों में स्लम बस्तियों को ध्वस्त किया गया है, जिससे लाखों गरीब परिवारों की स्थिति दयनीय हो गई है। इन विध्वंस अभियानों को लेकर अरविंद केजरीवाल की सरकार लगातार केंद्र और दिल्ली के भाजपा नेताओं से टकराती रही है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा का असल उद्देश्य गरीबों को उनके घरों से बेघर करना और उन्हें कोई वैध पुनर्वास नहीं देना है।
केजरीवाल ने कहा, “भाजपा यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि दिल्ली में स्लम बस्तियों को ध्वस्त करना विकास का हिस्सा है, लेकिन असल में यह सिर्फ गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित करना है।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2014 के बाद से कई बार दिल्ली के स्लम क्षेत्र के लोगों को जमीन से बेदखल किया, जबकि दिल्ली सरकार ने हमेशा उनके पुनर्वास के लिए योजनाएं बनाई थीं।
केजरीवाल का बयान: “भाजपा पर विश्वास नहीं करना चाहिए”
अरविंद केजरीवाल ने भाजपा को चेतावनी दी कि अगर भाजपा को यह चुनाव जीतने हैं, तो उसे गरीबों के हित में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा गरीबों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, और अब वह उन लोगों को उनके घरों से निकालकर बिना पुनर्वास के उन्हें छोड़ देना चाहती है। केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से अपील की, “भाजपा पर विश्वास मत करें। अगर आप अपने घर और भविष्य को सुरक्षित देखना चाहते हैं, तो आगामी चुनाव में भाजपा को वोट न दें।”
केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली के गरीबों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है, जैसे कि मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, और स्लम क्षेत्रों में लोगों के पुनर्वास के लिए घर बनवाने की योजना। इसके विपरीत, भाजपा की सरकारों ने हमेशा सिर्फ गरीबों के खिलाफ काम किया है, और उनके लिए कोई ठोस योजनाएं नहीं बनाई।
चुनावी रणनीति और भाजपा पर हमला
अरविंद केजरीवाल का यह बयान न केवल दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में था, बल्कि यह भाजपा की नीतियों पर एक बड़ा हमला भी था। केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह केवल चुनावी लाभ के लिए गरीबों के दर्द को बढ़ाती है, जबकि उन्होंने कभी भी इस वर्ग के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
केजरीवाल का कहना था कि दिल्ली में जब भी भाजपा की सरकार रही है, तब भी स्लम बस्तियों को तोड़ा गया और गरीबों को सड़क पर छोड़ दिया गया। उनका कहना था, “हमारी सरकार ने हमेशा दिल्ली के गरीबों के साथ खड़ा रहकर उनके लिए योजनाएं बनाई, जबकि भाजपा सिर्फ चुनावी मुद्दों पर राजनीति करती रही है।”
उपसंहार
अरविंद केजरीवाल का यह बयान दिल्ली के चुनावी राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर सकता है। उन्होंने भाजपा को एक सीधी चुनौती दी है कि अगर वह दिल्ली के स्लम विध्वंस के मामलों में अपने कदम वापस खींचे और उन लोगों के लिए पुनर्वास का कोई ठोस कदम उठाए, तो वह चुनाव में भाग नहीं लेंगे। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि केजरीवाल अपनी सरकार की योजनाओं और गरीबों के अधिकारों को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस चुनौती का कैसे जवाब देती है और दिल्ली में आगामी चुनावों में इन मुद्दों का क्या असर पड़ता है।
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